History of maharishi dadhichi in hindi
Maharshi Dadhichi: लोकहित और परोपकार के लिए दान की अपनी अस्थियां, जानिए महर्षि दधीचि की कथा
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Maharshi Dadhichi:दधीचि प्राचीन काल के परम तपस्वी और ख्याति प्राप्त महर्षि थे। कहने को तो ‘भारतीय इतिहास’ में कई दानी हुए हैं, किंतु मानव कल्याण के लिए अपनी अस्थियों का दान करने वाले मात्र महर्षि दधीचि ही थे। महर्षि दधीचि ने उनका अहित चाहने वाले इंद्र को ही अपनी अस्थियां दान कर दीं। आइए जानते हैं कि कैसे मानव जाति के लिए महर्षि दधीचि ने अपनी अस्थियां दान की।
महर्षि दधीचि का परिचय
महर्षि दधीचि की माता का नाम ‘चित्ति’ और पिता का नाम ‘अथर्वा’ था। अपना संपूर्ण जीवन भगवान शिव की भक्ति में व्यतीत किया। महर्षि दधीचि वेद शास्त्रों आदि के पूर्ण ज्ञाता थे। उनके स्वभाव की बात करें तो वह बहुत ही दयालु थे और सदा दूसरों का हित करने के लिए तत्पर रहते थे। उन्होंने लोकहित के लिए कठोर तपस्या की। महर्षि दधीचि के तप के तेज के कारण देवराज इंद्र के मन में अनावश्यक डर पैदा हो गया था।